“सोशल मीडिया दोधारी तलवार है” नूपुर शर्मा की बेबाक बात

From A Legacy of Her | Digital Media Partner: Beat of Life Entertainment

नई दिल्ली, 25 मार्च 2025 – “A Legacy of Her” कार्यक्रम का आयोजन अनुभव एनजीओं द्वारा किया गया, जिसमें Beat of Life Entertainment डिजिटल मीडिया पार्टनर के रूप में सहयोगी रहा। इस आयोजन में महिलाओं के नेतृत्व, नीति, डिजिटल सुरक्षा और सामाजिक न्याय जैसे अहम मुद्दों पर गहराई से विचार-विमर्श किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत अनुभव एनजीओ की जनरल सेक्रेटरी रुक्मणी सिंह के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य साझा करते हुए संवाद की शुरुआत की।

इसके बाद, बरखा सिंह (पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली महिला आयोग) और ममता यादव (हरियाणा लोक सेवा आयोग की सदस्य) के संवाद ने विषय को विस्तार दिया। उन्होंने महिलाओं के राजनीतिक प्रतिनिधित्व में आने वाली ढांचागत बाधाओं, POSH समितियों की अनुपस्थिति और आर्थिक असमानताओं पर प्रकाश डाला।

ममता यादव ने कहा,

“राजनीति में महिलाओं की ऐतिहासिक उपस्थिति बहुत रही है। हम रानी लक्ष्मीबाई से लेकर सरोजिनी नायडू तक की मिसालें देते हैं। पर आज भी महिलाएं शिक्षा तो प्राप्त कर रही हैं, पर आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हैं। राजनीति में पैसा चाहिए। जब तक महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं होंगी, तब तक राजनीतिक भागीदारी अधूरी रहेगी।”

नूपुर शर्मा, पूर्व बीजेपी प्रवक्ता और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष, ने कहा: “सोशल मीडिया एक दोधारी तलवार है, जहाँ कोई भी अफवाह फैला सकता है, और लोग उसे बिना सत्यापन के स्वीकार कर लेते हैं। उन्होंने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया-क्या हम सच और झूठ में फर्क कर पा रहे हैं? उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जागरूकता सिर्फ उपभोग से नहीं आती, बल्कि इस पर निर्भर करती है कि हम उस जानकारी का कैसे उपयोग कर रहे हैं। क्या लोग किसी कथा का आँख मूंदकर अनुसरण कर रहे हैं, या वे तर्क और सोच-विचार कर रहे हैं?”

रश्मि सामंत और स्मृति रस्तोगी ने मीडिया में तेजी से फैलती अपुष्ट खबरों और पत्रकारिता की जवाबदेही पर अपने विचार रखे।

कानूनी सत्र में रेजना कुमारी, आभा सिंह और योगिता भायाना ने महिला अधिकारों से जुड़े कानूनों की प्रभावशीलता और जमीनी हकीकत के बीच की दूरी पर जोर दिया।

कार्यक्रम का भावनात्मक पक्ष रहा Zariya Neo Theatre Group द्वारा प्रस्तुत नाटक पिंजरा’, जिसे समीर अहसान ने लिखा और निर्देशित किया। नाटक ने घरेलू हिंसा के सात चरणों को प्रभावशाली ढंग से मंच पर उतारा।

कार्यक्रम के दौरान देवानंद झा ने एक भावपूर्ण गीत प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया और आयोजन में सांस्कृतिक रंग भर दिया।

यह आयोजन केवल विमर्श का मंच नहीं था, बल्कि यह एक पहल थी महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में सम्मान, सुरक्षा और अवसर प्रदान करने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी की ओर एक ठोस कदम।